Thursday, July 25, 2019

स्वराजी के योगदान अनमोल हैं

आजादी चाहिये ?  पूरा पढना दोस्तों बडी मेहनत से लिखा हु

सिके राउत को विखण्डनकारी कहते रहे, और अभी आजादी चाहिये ?

नो-वोट देने के वक्त में काँग्रेस एमाले माओवादी फोरम राजपा ... को वोट दिये, उसके लिये वोट मागे, और अभी आजादी चाहिये ?

सब दिन सिके राउत के पैर खिंचते रहे, और अभी आजादी चाहिये ?

जब सिके राउत जेल में महिनों बिमार सड रहा था, तो अपने घर में बैठकर आनंद लेते रहे, और अभी आजादी चाहिये ?

जब पुलिस ने सिके राउत का पैर तोड दिया, शर फोड दिया, फिर भी सिके राउत बैसाखी पर लडखडाते हुये बीच सडक पर दहाडते रहे, तभी घर में छुपकर बैठ गये, और अभी आजादी चाहिये ?

जब सिके राउत आमरण अनशन बैठे मृत्युशैय्या पर जीवन-मृत्यु के बीच में लटका हुआ था, तो तुम्हें कोई मतलब नहीं था, अपने घर में आराम करके चाय की चुस्की ले रहे थे, और अभी आजादी चाहिये ?

जब सिके राउत सैकडौं बन्दुकधारी पुलिस के सामने गोली खाने अपना सीना तान दिया, तो तुम अपना दरबाजा बंद करके भीतर पडे रहे, और अभी आजादी चाहिये ?

जब सिके राउत के घर में पुलिस घूसकर उनके नाबालक बच्चों को बूट मारते हुये सिके राउत को जनकपुर से बार-बार गिरफ्तार किया गया, तो मुँह से किसी की बोली नहीं फुटी, और अभी आजादी चाहिये ?

जब सिके राउत ने अपना सब कुछ लूटा दिया, जेल चला गया और उसके छोटे-छोटे बच्चे जनकपुर में भूखे तडपते रहे, ईलाज करवाने दरदर भटकते रहे, तो तुम अपना दरबाजा खिडकी लगाकर घर में छूपे रहे, और अभी आजादी चाहिेये ?

खुद कभी सड़क पर उतरोगे नहीं, और अभी आजादी चाहिये ?

मदद कुछ करोगे नहीं, और अभी आजादी चाहिये ?

फेसबुक पर अपना चेहरा लगाकर बोलने की हिम्मत नहीं, अपने आइडी से लिखने की हिम्मत नहीं, और आजादी चाहिये ?

कार्यकर्ताओं को छुडाने धरौटी रकम के लिए चंदा आह्वान किया, तो कौडी भर पैसा निकाल नहीं पाये, और अभी आजादी चाहिये ?

अपनी एक NGO, INGO या सरकारी  नौकरी छोडकर आंदोलन में आने की हिम्मत नहीं, और आजादी चाहिये ?

खुद विदेश में रहकर पैसा कमाते रहोगे,  और अभी आजादी चाहिये स्वराजियों से ?

पुलिस से एक पक्राऊ पूर्जी घर पर आ जाये तो दिखाइ नहीं दोगे,  अभी आजादी चाहिये ?

पुलिस एक बार पकड कर क्या ले जाएगा, तो "जैसे भी छुडाओ" कहके चिल्लाते रहोगे, और अभी आजादी चाहिये ?

एक बार २-४ लाख धरौटी ही खुद देना पडेगा, तो माथा पिटते रहोगे, और अभी आजादी चाहिये ?

२-४ दिन जेल बैठ नहीं सकते, और अभी आजादी चाहिये ?

जो आदमी खुद संघर्ष नहीं कर सकता, खुद बलिदानी नहीं दे सकता,
दूसरों के त्याग और बलिदानी का कद्र नहीं कर सकता,
उसे दूसरों पर बोलने का कोई हक नहीं  ।

जो कौम संघर्ष नहीं कर सकता,
उसे  दूसरों पर  बोलने का कोई हक नहीं।

पहले  अपना सबकुछ लूटाने की और खुद की बलिदानी देने की काबिलियत दिखाओ,
फिर आजादी की बात करना ।

पहले अपनी नौकरी तो छोडकर आओ, अपनी करोडों की सम्पति मधेश के लिए लूटाओ, पहले खुद साल दो साल जेल में बैठकर आओ,

फिर किसी स्वराजी से बात करना।

स्वराजी के योगदान अनमोल हैं।

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