मधेश में नेपाली उपनिवेश
:-
मधेश राष्ट्र आज परतन्त्र
अवस्था में है, आज यह नेपाल का उपनिवेश है ! मधेश राष्ट्र जिसका अपना
गौरवशाली इतिहास रहा है, जहाँ पर एक से एक शूरवीर राजा
महाराजा हुए, वह आज नेपाल के औपनिवेशिक शोषण के तले दबा हुआ है !
अंग्रेजों ने ईस्वी १८१६ और १८६० में मधेश को नेपाल के राजा को दे दिया |
मधेश केवल सन १८१६ और
१८६० में नेपाली साम्राज्य के अधीनस्थ हुआ ! प्रति बर्ष दो लाख रुपए भुगतान के बदले, सन १८१६ में अंग्रेजों ने मधेश के पूर्वी भाग नेपाल के राजा
को दे दिया ! उसी तरह , भारत में सन १८५७-५९ के दौरान
हुए सिपाही विद्रोह को दबाने के लिए नेपाल के राजा द्वारा दिए गए सैन्य सहयोग के बदले
उपहार स्वरूप अंग्रेजों ने पश्चिम मधेश नेपाल के राजा को दे दिया ! इस प्रकार से मधेश
नेपाल का उपनिवेश बना था !
नेपाली सेना और शासक
मधेश में मधेश बाहर से आकर बसे हैं और वहाँ पर अपना नेपाली शासन लादे हुए हैं, तो यह यह आन्तरिक उपनिवेश कैसा ? यह पूर्ण उपनिवेश है ! नेपाली लोग मधेश के लिए बाह्रा-तत्व है
मधेश में रहे नेपाली
शासन का चरित्र विशुद्ध रूप से औपनिवेशिक शोषण पर लक्षित रहा है, जैसे --
१. मधेशी सेना का उन्मूलन
और नेपाली सेना में मधेशियों के प्रवेश पर अघोषित प्रतिबन्ध,
२. मधेश बाहर से नेपाली
सेना लाकर पुरे मधेश में सैन्य बैरेक और चेक पोस्ट खड़ा करना, ( इसकी तुलना ईस प्रकार की जा सकती हैं; मानो अमेरिका में अमेरिकी सेना का उन्मूलन करके अमेरिकी जनता
को ही सेना में भारती पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाय और उत्तर कोरिया की सेना जाकर पुर
अमेरिका में बैठ जाएँ, तो उसे क्या कहा जाएगा ?)
३. मधेशी जनता से भारी
और अनुचित कर, भन्सार और राजश्व वसूली करना पर मधेश में उचित लगानी
क करना
४. मधेश के वन -जंगल, खान, नदी नाले और जमीन सहित
के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना,
५. मधेशी आदिवासियों
की भूमि पर कब्ज़ा करके उसे नेपाली प्रशासन, सेना और पुलिस में बाँट देना
६. सरकारी योजनाओं द्वारा
नेपाल के शासक वर्ग के लोगोंको लाकर मधेश में बसाना,
७. मधेशियों को नेपाल
आने-जाने के लिए ( सन १९५८ तक) पारपत्र या पासपोर्ट लेने की जरूरत होना
८. नेपाली शासकवर्ग की
भाषा, वेश और संस्कृति मधेश पर लादना,
९. मधेशियों को कमैया
और कमलरी सहित के दास बनाना,
१०. मधेशियो के लिए अलग
नियम कानून होना,
जैसे की भूमि स्वामित्व पर अलग
हकबन्दी, मुलुकी ऐन में मधेशी जात-जातियों के लिए अलग दण्ड-व्यवस्था
आदी
जिस तरह से भारत में
अंग्रेजो का औपनिवेशिक राज था, उसी तरह नेपालियों का
औपनिवेशिक राज मधेश में है ! पर तुलनात्मक रूप में, भारत में रहे अंग्रेजी औपनिवेशिक शासन से मधेश में रहे नेपाली औपनिवेशिक शासन ज्यादा
कठोर रहा है, जैसे की :-
१. बाह्रा सैन्य शक्ति की उपस्थिति :- अंग्रेजो के
उपनिवेश में भारतीय सेना में बहुत ही कम प्रतिशत अंग्रेजी सैनिक थे, बाकी सैनिक भारतीय ही थे ! जैसे सन १८५७ के सिपाही विद्रोह के
दौरान ९०% सैनिक भारतीय थे, केवल १०% अंग्रेज थे
! दुसरे विश्व युद्ध के दौरान केवल ३% सैनिक ही अंग्रेज थे, बाकी भारतीय ही थे ! पर मधेश की भूमि पर पूर्णत: नेपाली सेना
आकर बैठी हुई है,
और उसमें मधेशियों की संख्या
लगभग नगन्य है !
२. प्रशासन और कर्मचारी :- अंग्रेजो के शासनकाल में
भारत में कितने प्रशासक और कर्मचारी अंग्रेज थे और कितने भारतीय थे ? पर मधेश में बहुसंख्यक सरकारी प्रशासक और कर्मचारी नेपाली है, मधेशी नही !
३. लगान और राजश्व:- अंग्रेज भारत से लगान उठाते
थे तो कुछ हद तक विकाश भी करते थे और जनता के लिए उचित व्यवस्था और प्रणाली कायम करने
के लिए तत्पर रहते थे ! अंग्रेजों द्वारा संसार के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क को में से
एक का भारत में निर्माण करने के कार्य को आज भी सराहा जाता है ! दूसरी ओर नेपाली शासक
मधेश से भारी मात्र में लगान और राजश्व वसूली करते है, यहाँ तक की कुल ग्राहस्थ उत्पादन के ५९% और राजश्व के ७६% योगदान
मधेश से मिलते हैं ! पर उनमें से अधिकांश शासक वर्ग के लोग अपने क्षेत्र में लेकर चला
जाता है और वह उनके स्वार्थ का परिपोषण करने पर खर्च होता है ! वे मधेश में एक हुलाकी
सड़क का निर्माण और मरमत करने तक पर ध्यान नही देते है, वही पहाड़ में फ़ास्ट ट्रयाक सुरंग मार्ग और चार और छह लेन की
सडकें बनाते है !
४. आप्रवासन और विस्थापन :- सन १५५१ से सन २००१ बिच
के ५० बर्ष के दौरान पहाड़ से आप्रवासित होकर मधेश में बसे पहाड़ियों की जनसख्यां ६%
से बढकर ३३% हो गई, और भारी संख्या में मधेशी आदिवासी
विस्थापित हुए ! भारत में आकर बसे अंग्रेज भारत की जनसंख्या के कितने प्रतिशत थे, और कितने भारतियों को विस्थापित किया गया ?
५. इतिहास और संस्कृति :- अंग्रेजो के शासनकालमें
भारतीय इतिहास, संस्कृति, भाषा और साहित्य पर व्यापक खोज हुई ! पर नेपाली उपनिवेश काल में नेपाली भाषा, भेष भूषा और संस्कृति लादने के साथ साथ मधेशियों का इतिहास, पुरातत्व, भाषा, साहित्य, संस्कृति, भेष भूषा आदि को मिटाने की निति ली गई और मिटाने की कई प्रयत्न
किये गए !
६. साधन स्रोत पर नियन्त्रण :- नेपाली उपनिवेश में
मधेश के जल, जमीन और जंगल पर मधेशियों को कितना अधिकार दिया गया
है ? नेपाल के शासकवर्ग मधेश के जंगल को कटवाकर बेच डाले, पर मधेशियों को अपने ही खेत का एक सुखे वृक्ष काटने के लिए भी
नेपाल सरकार से अनुमति लेनी पडती है, मधेशियों के द्वरा एक
भार जलावन एक जगह से दूसरी जगह लाने पर नेपाल पुलिस उन्हें पकडती है! अपने ही खेत के
उपजे चार-पाँच किलो दाल या सुपारी एक जगह से दूसरी जगह लाते वक्त नेपाली पुलिस मधेशियों
को तस्कर कहके यातना देती हैं !
७. दासता:- नेपालियों ने लाखो मधेशियो की जमीन हडपकर
उन्हें अपनी ही जमीन पर भूमिहीन बनाकर कमैया, कमलरी और दास बना दिया ! कई मधेशी सदा के लिए विस्थापित हो कर शरणार्थी हो गए!
जो रह गए वे नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर
हो गए और नेपाली शासक के शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण का
शिकार बनते रहे !