जनता राज क्यों चाहिये ? देख लो । जब पैसा लेकर वोट दोगे, पैसावाल को जिताओगे, तो पूँजीपति वर्ग शासन प्रशासन कब्जा करेगें ही। पूँजीपति वर्ग के कब्जे में रहनेवाले कांग्रेस नेकपा समाजवादी राजपा, जो इन पूँजीपतियों से करोड़ो लेकर इनको सांसद मन्त्री बनाते रहे हैं, और उनके अनुसार ही चलते रहे हैं, वह किसान, मजदूर और आम-आदमी पर यह कहर ढाएँगें ही!
चिनी मील मालिक कांग्रेस से सांसद् है। सरकार का नेतृत्व कम्युनिष्ट कर रहा है, पर वह चिनी मील मालिक, माफिया और पूँजीपतियों से बिका हुआ है। समाजवादी पार्टी खुद अभी तक केन्द्र सरकार में थी, पर पिछले १८ महिने में उसे एक भी बार किसानों की याद तक नहीं आई। खास में जनता के विरोध में जो भी नीति लाई गई है चाहे लोकसेवा आयोग के विज्ञापन सम्बन्धित हो, या किसान की भुक्तानी सम्बन्ध में, समाजवादी राजपा भी उसपर हस्ताक्षर करती रही है और बाहर में दिखावा करती रही है। लोगों को उल्लू बनाने के लिए।
प्रदेश में समाजवादी/राजपा खुद की सरकार है, जो अपने घर के पिछवाड़े के पोखर के सौन्दर्यीकरण के नाम पर कार्यकर्ताओं को पालने ७-७ करोड़ बाँट सकती है, भोजभतेर में ५०ओं करोड़ खर्च कर सकती है, पर बाढपीडित हो या "हुरीपीडित" हो, या जाड़े में दम तोड़ते किसान मजदूर गरीब, उसके लिए कुछ नहीं कर सकती।
काठमांडू में प्रदर्शन करते किसानों को मदद की बात तो दूर, समाजवादी/राजपा तो फिर से मन्त्री बनने के लिए काठमांडू के ठंड में किसान को #नंगा होकर मरने के लिए #उकसा रहे हैं, आदेश दे रहे हैं कि नंगा होकर प्रदर्शन करो और ठंड में #मरो। वे गरीबों की #लाश का #इन्तजार कर रहे हैं, कि कब वहाँ किसान मरेगा, और कब वह लाश को लेकर प्रदर्शन शुरु करे ताकि फिर से मंत्री बन सके।
सोचना ये है कि अब इन शासकों और उनके दलालों को मधेशी जनता पहचान कर धूल चटाये, और जनता राज लाये। मधेश में भी जितने भी कथित जनप्रतिनिधि है, सांसद् है, मंत्री है, कांग्रेस नेकपा समाजवादी राजपा चाहे किसी पार्टी के हो, उन्हें घेरा में डाले, उनके घर और सम्पति पर कब्जा करे, जो जनता की लाश को बेचकर उन्होंने हथियाया है। समाधान वहीं पर है!
जनता राज - जिन्दावाद !
जय किसान !
जय जनमत !